अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष ढोंचक का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक स्थान हरियाणा के पानीपत स्थित बिंझौल ले जाया गया. वीरयोद्धा के अपने पैतृक स्थान पहुंचने की इस अंतिम यात्रा को जिसने भी दिखा, उसकी भावनाएं उमड़ पड़ीं.
पानीपत में स्कूली छात्रों और स्थानीय लोगों ने लगाए 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए मेजर धोंचक शहीद हुए थे. बिंझौल के लोगों की आंखों में जहां अपने वीरयोद्धा आशीष ढोंचक के लिए सम्मान दिखा वहीं आतंकियों के लिए रोष नजर आया.
गुरुवार को मेजर आशीष ढोंचक की शहादत की खबर जब उनके घर पहुंची तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. चचेरे भाई आदर्श ने कहा कि 23 अक्तूबर को मेजर आशीष ढोंचक का जन्मदिन था और वो छुट्टी लेकर घर आने की प्लानिंग कर रहे थे. परिवारवालों ने बताया कि आशीष ढोंचक ने हाल ही में अपना घर बनाया था.
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