Sanitary Napkin: भारत में इस्तेमाल हो रहे सैनिटरी नैपकिन में ऐसे नुकसानदायक केमिकल (harmful chemical) का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे डायबिटीजी, हार्ट से जुड़ी और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है. एक गैर-सरकारी संगठन टॉक्सिक लिंक' के अध्ययन में सैनिटरी नैपकिन के कुल दस सैंपल में थैलेट और अन्य परिवर्तनशील कार्बनिक यौगिक पाये गए हैं. इनमें बाजार में उपलब्ध 6 इनॉर्गेनिक और चार ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड के सैंपल थे.
अध्ययन के अनुसार कार्बनिक, अकार्बनिक सभी तरह के सैनिटरी नैपकिन में उच्च मात्रा में थैलेट पाया गया. स्टडी के मुताबिक, सभी कार्बनिक पैड के नमूनों में उच्च स्तर के वीओसी मिलना हैरान करने वाला था, क्योंकि अब तक माना जाता था कि कार्बनिक पैड सुरक्षित होते हैं.
स्टडी में जहां थैलेट के संपर्क से हार्ट की बीमारी, डायबिटीज, कैंसर संबंधी बीमारियां होने के खतरे की बात कही गयी है. वहीं, वीओसी यानी कार्बनिक यौगिक से मस्तिष्क विकार, दमा, दिव्यांगता, आदि समस्याएं होने का खतरा होता है.