दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल ने आयोग के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को बर्खास्त किए जाने के मुद्दे पर गुरूवार को उपराज्यपाल पर निशाना साधा और सवाल किया कि अधिकतर कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद यह कैसे काम करेगा.
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य मालीवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, कि एलजी ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए डीसीडब्ल्यू के सभी संविदा कर्मचारियों को हटाने के लिए कहा है. डीसीडब्ल्यू में 90 कर्मचारी हैं, जिनमें से केवल आठ स्थायी हैं और बाकी 82 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स हैं जिन्हें तीन महीने के अनुबंध पर कम वेतन पर काम पर रखा गया था.
उन्होंने आगे कहा कि यदि सभी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को हटा दिया गया तो आठ कर्मचारी आयोग कैसे चलाएंगे? उन्होंने पूछा कि डीसीडब्ल्यू से मदद मांगने आने वाली सैकड़ों महिलाएं और लड़कियां कहां जाएंगी? अधिकारियों के अनुसार, ये बर्खास्तगी जून 2017 में एक समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर की गई है.
उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने समिति की सिफारिशों के आधार पर उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को प्रस्ताव भेजा, जिनकी मंजूरी के बाद विभाग ने आदेश जारी किया.
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