दिल्ली के पुराने किले (old fort) में कई सभ्यताओं के सबूत मिले हैं. जिनमें मौर्य काल से लेकर मुगल काल तक की सभ्यताओं के सबूत शामिल हैं. इसके अलावा शुंग वंश, गुप्त वंश, राजपूत समेत दिल्ली सल्तनत के सभ्याताओं के साक्ष्य यहां मौजूद है. इस बारे में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि पहली बार पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (Archaeological Survey of India) ने 2500 साल पुरानी सभ्यता के सबूत यहां इक्ठ्ठे किये हैं. जानकारी के मुताबिक यहां खुदाई के दौरान मौर्य काल से लेकर मुगल काल तक के सबूत यहां मौजूद हैं. इसके अलावा शुंग, गुप्त, राजपूत, दिल्ली सल्तनत काल के साक्ष्य यहां मौजूद है.
केन्द्रीय मंत्री रेड्डी के मुताबिक यहां मिले साक्ष्य ओपन एयर साइट संग्रहालय में रखे जा रहे हैं. इससे जुड़ी जानकारी एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत स्वर्णकार के नेतृत्व में आनेवाले समय में विस्तृत तौर पर मिलेंगी
आपको बता दें कि सबसे पहले पुराना किला इलाके की खुदाई 1954 में हुई थी इसके बाद कई बार यहां नई नई जानकारियां मिलती रही है. अब तक की खुदाई में कई संस्कृतियों के प्रमाण, पुरावशेष, मौर्यकालीन मनके, शुंग कालीन यक्ष की प्रतिमा, कुषाणकालीन सिक्के और मुहर, राजपूत काल के मूल्यवान पत्थर, मनके और भगवान विष्णु की प्रतिमा, सल्तनत का कृतियां और मुगल काल की पर्सियन लेख, सोने के गहने और खास कर्ण हार, भूरे रंग की मिट्टी के बर्तन और कई तरह के चित्र शामिल हैं.
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यहां से मिला धूसर मिट्टी के बर्तन, विष्णु और गजलक्ष्मी की प्रतिमा से पता चलता है कि प्राचीन काल में दिल्ली में धूसर मिट्टी के बरतन संस्कृति का हिस्सा थे. यहां मिली नालियां और पानी निकासी के प्रमाण 2500 साल पुरानी सभ्यता की ओर इशारा करती हैं साथ ही टेराकोटा की गजलक्ष्मी की मूर्ति इनके धार्मिक आस्था को दर्शाता है.