Baat Aapke Kaam Ki: देश में चुनावी दौर चल रहा है. तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव और फिर चार महीने बाद लोकसभा के भी चुनाव आएंगे. इसमें सबसे बड़ा अधिकार मतदाता का होता है, लेकिन देश के युवा वोटर आईडी (Voter ID) बनवाने में सबसे पीछे हैं.
मतदान यानी वोटिंग (Voting) का अधिकार. भारतीय संविधान कहता है कि 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को अपने इस अधिकार और कर्त्तव्य का निर्वहन करना चाहिए.
अगर आपके पास अभी भी वोटर आईडी (Voter ID) नहीं है, तो इसके लिए जल्द ही आवेदन करें. आज 'बात आपके काम की' में हम आपको बताएंगे कि वोटर आईडी कैसे बनवाएं, क्यों जरूरी है और कौन बनवा सकता है.
भारत का हर स्थायी नागरिक वोटर आईडी बनवा सकता है. उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही उसके पास एड्रेस प्रूफ भी होना जरूरी है.
वोटर आईडी (Voter ID) के जरिए आप कई सरकारी सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं. साथ ही दूसरे कई डॉक्यूमेंट्स भी बनवा सकते हैं. यही नहीं, वोटर आईडी आपकी नागरिकता को भी साबित करता है तो इसके लिए जब भी आप वोटर आईडी बनवाने जाएं तो जरूरी डॉक्यूमेंट्स साथ ले जाएं.
इसके अलावा वोटर लिस्ट (Voter List) में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग भी काफी कोशिशें कर रहा है. हर साल जनवरी, जुलाई, अप्रैल और दिसंबर के महीने में वोटर आईडी बनाई जा रही है तो आप टेंशन मत लीजिये, घर बैठे भी आप वोटर आईडी के लिए अप्लाई (Voter ID Card Apply) कर सकते हैं, जिसे ई-वोटर आईडी कहते हैं.
इसके अलावा आप वेबसाइट पर जाकर भी आईडी कार्ड को डाउनलोड कर सकते हैं. बता दें कि वोटर आईडी बनने के बाद आप उस राज्य के परमानेंट रेजिडेंट (Permanent Resident) के रूप में पहचाने जाएंगे.
साथ ही अगर आपका वोटर आईडी कार्ड खो गया है तो उम्मीदवार 'मतदाता सेवा पोर्टल' पर जाकर अकाउंट लॉग-इन कर कार्ड को दोबारा से डाउनलोड कर सकते हैं.
अब ये भी सवाल उठता है कि क्या एक ही जगह वोटिंग करनी होगी. तो वोट डालने के लिए जिस एरिया की वोटिंग लिस्ट में आपका नाम होगा, आप उसी बूथ पर वोट डाल सकते हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक, कार्ड में एक खास निर्वाचन क्षेत्र दर्ज होना जरूरी है. इससे आप अपने स्थायी (Permanet) या अस्थायी निवास में से किसी एक ही जगह पर वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं.