गुजरात पुलिस ने शनिवार को समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) पर ऐक्शन लिया. गुजरात दंगा (Gujarat Roits) मामले में झूठी जानकारी देने के आरोप में सीतलवाड़ और पूर्व IPS अफसर संजीव भट्ट व आरबी श्रीकुमार के खिलाफ FIR दर्ज की गई. सीतलवाड़ को मुंबई (Mumbai) के जुहू में उनके घर से गिरफ्तार किया गया. वहीं, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के पूर्व IPS अफसर आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
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तीस्ता पर जालसाजी का आरोप
समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर ये कार्रवाई गुजरात एटीएस की दो टीमों ने की. पहले, मुंबई में सीतलवाड़ को हिरासत में लेने के बाद एटीएस टीम उन्हें सांताक्रूज थाने में ले गई. इसके बाद उनके एनजीओ की जांच के लिए एटीएस की टीम उन्हें अहमदाबाद ले गई. इसके बाद, ये खबर आई कि तीस्ता को गिरफ्तार कर लिया गया. तीस्ता पर दर्ज FIR में कहा गया है कि उनपर आईपीसी की धारा 468 और 471 के तहत जालसाजी का आरोप लगाया गया है.
नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का आरोप
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जाकिया जाफरी की याचिका खारिज करते हुए तल्ख टिप्पणी की थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की जांच की और जरूरत है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि इसके बाद एटीएस ने यह कार्रवाई की है. वहीं, शनिवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह ने भी तीस्ता सीतलवाड़ और कई राजनेताओं पर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का आरोप लगाया.
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सुप्रीम कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
गौरतलब है कि 2002 दंगों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी में पीएम नरेंद्र मोदी समेत 62 राजनेताओं और अधिकारियों को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी ने याचिका दायर की थी, जिसे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कानून का दुरुपयोग करना ठीक नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच की तारीफ की और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जितने लोग कानून का खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाना चाहिए.