Maharashtra Politics: राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग के बीच शिवसेना (Shivsena) के उद्धव गुट को एक ही दिन में झटके पर झटके लगे हैं. एक तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता रामदास कदम (Ramdas Kadam) ने इस्तीफा दे दिया है तो दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने शिवसेना की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी (Shiv Sena National Executive) की घोषणा की है. शिंदे गुट ने पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया है और शिवसेना के मुख्य नेता के तौर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुना गया है.
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उद्धव ठाकरे ((Uddhav Thackeray)) की मुश्किलें इतने पर भी कम नहीं हुई हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि शिवसेना शिंदे गुट की बैठक में पार्टी के 13-14 सांसद ऑनलाइन उपस्थित हुए थे. एक हफ्ते पहले भी जब उद्धव ने अपने सांसदों के साथ बैठक की थी तो उसमें भी 18 में से 15 सांसद ही शामिल हुए थे. जो सांसद बैठक में आए उन्होंने भी द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात कही थी. जिसके बाद उद्धव ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का आधिकारिक ऐलान किया था.
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रामदास कदम नेता और दीपक प्रवक्ता नियुक्त
रिपोर्ट्स के मुताबिक एकनाथ शिंदे गुट की बैठक सोमवार को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में हुई. जिसमें शिंदे गुट ने पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (Shiv Sena National Executive) को बर्खास्त कर दिया और शिवसेना के मुख्य नेता के तौर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुना लिया. विधायक दीपक केसरकर की प्रवक्ता के तौर पर नियुक्ति की गई है. शिवसेना नेता के तौर पर रामदास कदम और आनंदराव अडसूल को नियुक्त किया गया है. शिवसेना के उप नेता के तौर पर यशवंत यादव गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंक्षे, तानाजी सावंत, विनय नाहटा, शिवाजीराव पाटिल को चुना गया है. उद्धव के लिए राहत की बात सिर्फ इतनी है कि शिवसेना पक्ष प्रमुख पद को फिलहाल शिंदे गुट ने हाथ नहीं लगाया है.