UP Health Department: यूपी के हेल्थ सिस्टम में बड़ा बदलाव आने जा रहा है. अब कॉल सेंटर और ऐप हेल्थ से जुड़ी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. यूपी में अब गंभीर रूप से बीमार व दुर्घटना ग्रस्त मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भर्ती होने के लिए चक्कर काटना नहीं पड़ेगा. सरकारी मेडिकल कालेज (Government Medical College) और अस्पताल अब ये बहाना नहीं बना सकेंगे कि बेड खाली नहीं हैं. दरअसल योगी सरकार ने इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी सेंटर (Integrated Trauma And Emergency Center) स्थापित करने का फैसला किया है. काल सेंटर (Call Center) में फोन करते ही मरीज को एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएगी और अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. इसके अलावा लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम (Live Emergency Monitoring System) लागू किया जाएगा. यूपी ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा.
UP NEWS: योगी सरकार का बड़ा फैसला, बेरोजगार परीक्षार्थियों लौटाएगी 290 करोड़ -जानिए पूरा मामला
इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी सेंटर में हर दिन 40 हजार कॉल अटेंड की जा सकेंगी. हर साल कम से कम 3 लाख मरीजों को भर्ती कराने का लक्ष्य होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जल्द इसका खाका रखा जाएगा . वहीं एंबुलेंस और प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ में बढ़ोतरी की जाएगी.
Arpita Mukherjee: बेटी के पास अकूत दौलत, मां के पास मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा, सोने को बेड भी नहीं!
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों की मदद से इस कार्य को किया जाएगा. इसके लिए छोटी और दीर्घकालीन योजना बनाई जाएगी. इसे चरणबद्ध ढंग से दिसंबर 2023 से दिसंबर 2026 तक लागू किया जाएगा.इसके लिए चार हजार और एंबुलेंस बढ़ाई जाएंगी. साथ ही 47 मेडिकल कालेजों और चिकित्सा संस्थानों को लेवल टू और लेवल थ्री से अपग्रेड कर लेवल वन पर लाया जाएगा. ट्रामा सेंटर में बेहतर उपचार की सुविधा के साथ बेड बढ़ेंगे. इमरजेंसी मेडिसिन और ट्रामा सर्जरी विभाग में डाक्टरों की संख्या बढ़ेगी. एमडी व एमएस की सीटें बढ़ाई जाएंगी. इमरजेंसी मेडिसिन व ट्रामा केयर टेक्नीशियन का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा.