Cyrus Mistry Death in Road Accident: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का निधन हो गया है. मुंबई के पास पालघर में सड़क हादसे (Road accident) में साइरस मिस्त्री का निधन (Death) हो गया. दुर्घटना के बाद मिस्त्री को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, मिस्त्री की मर्सिडीज कार रोड डिवाइडर से टकरा गई थी. कार में कुल चार लोग सवार थे. इस एक्सीडेंट में मिस्त्री समेत दो लोगों की मौत हुई है.
साइरस मिस्त्री का आरंभिक जीवन
मीडिया की लाइमलाइट से दूर रहने वाले साइरस मिस्त्री कोई साधारण नाम नहीं हैं. वह भारतीय मूल के चर्चित खरबपति पलोनजी शापूरजी मिस्त्री के सबसे छोटे बेटे हैं. साइरस मिस्त्री का पूरा नाम साइरस पल्लोनजी मिस्त्री है. उनका जन्म 4 जुलाई 1968 में महाराष्ट्र भारत में हुआ है. उनके पिता का नाम पल्लोनजी मिस्त्री था उनकी माता का नाम पैट्सी पेरिन दुबाश था जो की आयरलैंड की रहने वाली थी. उन्होंने अपनी शुरूआती पढाई बॉम्बे के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से की है. 1990 में उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी के इम्पीरियल कॉलेज लंदन से सिविल इंजीनियरिंग किया और फिर 1996 में लंदन यूनिवर्सिटी से लंदन बिज़नेस स्कूल से उन्होंने मैनेजमेंट की पढाई की. साइरस मिस्त्री की पत्नी का नाम रोहिका चागला है इनके दो बेटे है फिरोज मिस्त्री और ज़हान मिस्त्री. इन्होंने भारत के साथ साथ आयरलैंड देश की भी नागरिकता ले रखी है.
1991 में ज्वॉइन किया पिता का कारोबर
सायरस मिस्त्री ने अपने पिता के कारोबार पलोनजी शापूरजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू किया था. उन्हें 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप का निदेशक नियुक्त किया गया. अपने पिता की तरह ही साइरस मिस्त्री ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है. पलोनजी मिस्त्री ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है.
2012 में बनाए गए टाटा समूह के मुखिया
2006 में पलोनजी मिस्त्री टाटा समूह के बोर्ड से रिटायर हुए और 38 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली. पलोनजी मिस्त्री टाटा समूह के सबसे बड़े शेयर होल्डर थे. इस तरह साइयस को शापूरजी पलोनजी ग्रुप के अलावा टाटा समहू की कई कंपनियों का निदेशक चुना गया. नवंबर 2011 में साइरस मिस्त्री को टाटा समूह का उपाध्यक्ष बनाया गया और रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद उन्हें 28 दिसंबर, 2012 को टाटा का चेयरमैन बनाया गया.
रतन टाटा से कोर्ट में केस हारे साइरस मिस्त्री
साइरस मिस्त्री ने छठे चेयरमैन के तौर पर ग्रुप में कार्यभार संभाला था, लेकिन 2016 में मिस्त्री को पद से हटा दिया गया था. अचानक पद से हटाए जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने टाटा संस और रतन टाटा के खिलाफ केस किया. फैसला सायरस मिस्त्री के पक्ष में आया. इसके बाद टाटा ग्रुप ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने टाटा समूह के पक्ष में फैसला सुनाया. इसे सबसे बड़ा कॉर्पोरेट बैटल कहा जाता है. आपको बता दें, टाटा समूह में टाटा संस की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके बाद सबसे ज्यादा 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी शापूरजी की है.