Bihar CBI Raid : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने बिहार में 24 ठिकानों पर छापेमारी की है. सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land for job scam) में ये कार्रवाई की है. सीबीआई ने जिन लोगों के ठिकानों पर ये छापेमारी की है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के निजी सचिव नागमणि यादव, RJD एमएलसी सुनील सिंह(Sunil Singh) पूर्व आरजेडी एमएलसी सुबोध रॉय (Subodh Rai), राज्यसभा सांसद अशफाक करीम (Ashfaque Karim,)और फैयाज अहमद (Faiyaz Ahmad) के अलावा आरजेडी के पूर्व विधायक अबू दोजाना के ठिकाने भी शामिल हैं. राबड़ी देवी के निजी सचिव नागमणि यादव राबड़ी के रिश्ते में भाई के बेटे हैं और राबड़ी को बुआ बोलते हैं. वहीं एमएलसी सुनील सिंह आरजेडी के कोषाध्यक्ष हैं और लालू यादव के परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं, राबड़ी देवी उन्हें राखी बांधती हैं, आरजेडी (Rashtriya Janata Dal ) में उनका काफी ऊंचा कद है.
सुबोध राय को लालू यादव (Lalu Prasad) का बेहद करीबी माना जाता है. आरजेडी के राज्यसभा सांसद अशफाक करीम से जुड़े कटिहार मेडिकल कॉलेज और अल करीम यूनिवर्सिटी में छापेमारी हुई. सांसद डॉक्टर फैयाज अहमद के बिहार के मधुबनी स्थित घर पर छापा मारा गया है. डॉक्टर अहमद को इसी साल RJD ने राज्य सभा भेजा है. इससे पहले वो 2010 और 2015 में आरजेडी के ही टिकट पर मधुबनी की बिस्फी विधानसभा सीट से विधायक भी चुने जा चुके हैं.
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लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में यह कार्रवाई हुई है. इसमें राबड़ी देवी के आवास समेत अन्य के ठिकानों की पूर्व में तलाशी हुई थी. इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव नामजद हैं. कुछ दिनों पहले ही लालू के खासमखास भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि भोला यादव से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है.
अवैध खनन के मामले में ईडी ने रांची में कारोबारी प्रेम प्रकाश के ऑफिस सहित रांची के 12 और झारखंड के कुल 18 जगहों पर छापेमारी कर रही है. प्रेम प्रकाश को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का नजदीकी माना जाता है. जानकारी के अनुसार रांची के अरगोड़ा चौक के समीप वसुंधरा अपार्टमेंट में ईडी की टीम छापेमारी कर रही है. इसके अलावा दिल्ली और तमिलनाडु में भी छापेमारी चल रही है. अवैध खनन और मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के क्रम में प्रेम प्रकाश का नाम सामने आया था. इसके बाद ईडी ने लंबे समय तक प्रेम प्रकाश से पूछताछ भी की थी और पूर्व में उनसे जुड़े लगभग दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी भी की थी.