Bihar news:बिहार की महागठबंधन सरकार (grand alliance government) को बुधवार को तगड़ा झटका लगा है. सरकार बनने के 22 दिन बाद मंत्री कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) ने अपने पद से इस्तीफा (resigns) दे दिया है. उन्हें बुधवार सुबह ही राज्य के गन्ना उद्योग मंत्री (sugarcane industry minister) का प्रभार सौंपा गया था. इससे पहले वो कानून मंत्रालय संभालते थे. बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. बिहार के राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को गन्ना उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. कार्तिकेय से प्रभार लेने के बाद सीएम नीतीश (nitish kumar cabinet) ने कानून मंत्रालय (ministry of law) की जिम्मेदारी शमीम अहमद को सौंप दी थी. शमीम अहमद इससे पहले बिहार सरकार के गन्ना -उद्योग मंत्री थे.
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वहीं कार्तिकेय सिंह का इस्तीफा होते ही बीजेपी भी सक्रिय हो गई. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया- अभी पहला विकेट गिरा है. अभी कई और विकेट गिरेंगे.
आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार सिंह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है और इसी वजह से कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था और 16 अगस्त को सरेंडर करने के लिए कहा था. विवाद उस समय उठा जब बाहुबली कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) को सरेंडर कराने के बजाय उसी दिन कानून मंत्री पद की शपथ दिला दी गई थी.
दरअसल, साल 2014 में एक शख्स का अपहरण हुआ था. इस मामले में बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं. उनके खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है. उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था लेकिन वे उस दौरान शपथ ले रहे थे. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कोर्ट ने अब इस मामले में सुनवाई की एक सितंबर को है, सुनवाई से पहले ही उन्होने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
चुनावी हलफनामे में कार्तिकेय ने अपने ऊपर चार मामले दर्ज होने की जानकारी दी है. इन मामलों में उनके ऊपर चोरी, अपहरण, दंगा करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने, जबरन वसूली, घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने से जुड़े आरोप हैं. इसके साथ ही सार्वजनिक सड़क, पुल, नदी या चैनल को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप उनके ऊपर है.