Bilkis Bano Convict: बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के सामूहिक बलात्कार (gangrape) और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 दोषियों की रिहाई (release of 11 convicts) पर अब सवाल उठ रहे हैं. दोषियों पर परोल के दौरान भी गवाहों को धमकाने के आरोप हैं. इतना ही नहीं 11 में से कम से कम 4 पर दुराचार के आरोप भी लगे. आपको बता दें कि दोषियों को अच्छे आचरण की वजह से सजा पूरी होने से पहले ही अगस्त में रिहा कर दिया गया था
NDTV ने दोषियों के खिलाफ कई प्राथमिकी और पुलिस शिकायतें हासिल की हैं, ये गुजरात सरकार के दावों की पोल खोलती हैं क्योंकि गुजरात सरकार ने दोषियों के 'अच्छे आचरण' की वजह से उन्हें रिहा किया है. सरकार की ओर से कहा गया था कि सरकार के पास इस बात के कोई सबूत नहीं थे कि दोषियों ने इस दौरान कोई भी गलत काम किया है. हालांकि, उन्हीं दोषियों में से एक, मितेश चिमनलाल भट्ट पर जून, 2020 में पैरोल पर आने के बाद एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगा था. वह मामला अब भी कोर्ट में लंबित है. इसके अलावा 2 दोषियों पर गवाहों को धमकाने का आरोप है जो मामला स्थानीय कोर्ट में चल रहा है. कई गवाहों के शिकायत पर एफआईआर तक दर्ज नहीं हुआ. इन गवाहों को 'समझौता' नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गयी. साल 2017-2021 के बीच, बिलकिस बानो मामले में कम से कम चार गवाहों ने शिकायतें और प्राथमिकी दर्ज करवाई थीं.
सीबीआई (CBI) ने इस अपराध को "जघन्य, घिनौना और गंभीर" करार दिया था, जिसके बाद 'समय से पहले रिहाई' के कानून के तहत बिलकिस के दोषियों को रिहा कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्य सरकार के हलफनामे में दाखिल जवाब को 'बोझिल' बताया था. राज्य सरकार ने कोर्ट में यह बात कही थी 11 दोषियों को उनके 'अच्छ व्यवहार' के कारण भी रिहाई दी गई है. आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने इस साल अगस्त में बिलकिस बानो मामले में चिमनलाल भट्ट समेत 11 दोषियों की जल्द रिहाई को मंजूरी दे दी थी.
दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और प्रल्हाद जोशी से 'अच्छे व्यवहार' को परिभाषित करने के लिए कहा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "बिलकिस के दोषी मितेश भट्ट ने 2020 में पैरोल पर महिला से छेड़छाड़ की, मुकदमा लंबित यू / 354 आईपीसी. इस आदमी को भी तुमने रिहा कर दिया. अच्छे दिन. अच्छे लोग. बेटी को मोलेस्ट करना भी आपके लिए "अच्छा व्यवहार."
केंद्र के फैसले पर तंज कसते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में कहा, "जितना अधिक आप एक महिला के साथ बुरा व्यवहार करते हैं, आप उतने ही बेहतर इंसान बनते हैं, यह भारत सरकार की नई रणनीति लगती है." उन्होंने आगे लिखा, "यह गृह मंत्रालय का गुड बिहेवियर सर्टिफिकेट धारक व्यक्ति है."