बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने एक रिक्शा चालक को अग्रिम जमानत (bail) देते हुए कहा कि लड़की का हाथ पकड़कर प्यार का इजहार करना छेड़छाड़ नहीं हो सकता. कोर्ट (court) ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी धनराज का नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न (sexual harassment) करने का कोई इरादा नहीं था और प्रथम दृष्टया इस तरह कोई मामला नहीं बनता था. दरअसल, नाबालिग लड़की ने रिक्शा चालक पर उसका हाथ पकड़कर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. ये मामला 1 नवंबर, 2022 का है, जब पीड़िता के पिता ने पुलिस में बेटी के यौन उत्पीड़न करने के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था.
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कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, लगाए गए आरोपों से, ये देखा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया किसी भी यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है, क्योंकि आरोपी ने किसी यौन इरादे से उसका हाथ नहीं पकड़ा था. एक पल के लिए मान लें कि उसने ऐसा किया हो, पर फिर भी पीड़ित लड़की के बयान से कोई यौन इरादे का पता नहीं चलता है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि आरोपी को चेतावनी दी जाती है कि वो इस तरह की घटना को भविष्य में नहीं दोहराएगा और यदि वो ऐसा करता है, तो उसे दी गई गिरफ्तारी से राहत वाला आदेश वापस ले लिया जाएगा.