आखिरकार तीस साल से लंबा समय जेल में गुजारने का बाद पूर्व पीएम राजीव गांधी (Rajiv gandhi) के हत्यारे जेल से बाहर आएंगे. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दोषी नलिनी (Nalini) और आरपी रविचंद्रन समेत छह दोषियों के रिहाई के आदेश जारी किए. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर इन दोषियों पर कोई अन्य केस नहीं है तो इन्हें रिहा कर दिया जाए. बता दें कि टॉप कोर्ट ने ये आदेश नलिनी और आरपी रविचंद्रन की रिहाई की याचिका के आधार पर दिया. रिहाई का आदेश जारी करते हुए टॉप कोर्ट ने दोषियों के अच्छे आचरण को भी अहम वजह माना.
इस दौरान अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले पर राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नही की और ऐसा ना होने पर ही हमें हस्तक्षेप करना पड़ा. कोर्ट ने कहा कि राज्य का फैसला राज्यपाल पर बाध्यकारी होगा. इस मामले में 18 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य दोषी पेरारिवलन के भी रिहाई के आदेश दिए थे और उसी आदेश का हवाला देकर अन्य दोषियों ने रिहाई की मांग की थी.
मालूम हो कि लंबे समय से इन दोषियों की रिहाई को लेकर तमिलनाडु की सियासत गर्म थी. जयललिता के समय से ही इन दोषियों की रिहाई की मांग की जा रही थी और स्टालिन सरकार भी रिहाई के पक्ष में थी. इन दोषियों में नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं. 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में राजीव गांधी की हत्या की गई थी.