बुल्ली बाई (Bulli Bai) ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई (Neeraj Bishnoi) और सुल्ली डील्स (Sulli Deals) ऐप बनाने वाले आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर (Omkareshwar Thakur), दोनों की जमानत याचिका खारिज हो गई है.
बुल्ली बाई ऐप वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों की ओर से दलील दी गई कि 'बुल्ली बाई ऐप (Bulli Bai) को किसी महिला की बदनामी के मकसद से नहीं बनाया गया था और नीरज के पास से न ही कोई रिकवरी हुई है, वह काफी दिनों से न्यायिक हिरासत में है, लिहाजा उसे जमानत दे दी जाए'.
इस पर स्पेशल सेल (Special Cell) की IFSO यूनिट की तरफ से दलील दी गई कि- 'केस अभी शुरुआती दौर में है इसलिए जमानत न दी जाए'.
इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने जमानत याचिका को रद्द कर दिया.
इसी तरह सुल्ली डील्स बनाने वाले आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि 'आरोपी पर IPC 153A साबित नहीं होता है, बल्कि पुलिस, मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है'.
इसपर पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि- 'सुल्ली डील्स शब्द अपने आप में महिलाओं के सम्मान के मद्देनजर शर्मनाक शब्द है. केस अभी शुरुआती चरण में है, इसलिए आरोपी बेल पर आकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है'.
इसके बाद कोर्ट ने ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका भी रद्द कर दी.
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