पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 'नफरत भरे भाषणों' पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली बेंच ने मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में, खासकर कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे 'नफरत भरे भाषणों' पर ध्यान देते हुए इन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने की बात कही.
अहम ये है कि इस संबंध में अदालत में विश्व हिंदू परिषद और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में मांग की गई है कि मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों में दो समुदायों के बीच अचानक भड़की हिंसा की उचित जांच की जाए. बता दें कि बीती रामनवमी के मौके पर मुर्शिदाबाद के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली थी. इस मामले की जांच NIA कर रही है.
एक पक्ष की ओर से पेश वकील ने शुक्रवार को पीठ को बताया कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि ने हाल ही में कुछ 'घृणास्पद भाषण' दिये हैं. निर्वाचित प्रतिनिधि ने हिंदू और मुस्लिमों की आबादी को लेकर बयान दिया था. कोर्ट को यह भी बताया गया कि पिछले महीने हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने बम फेंके थे. अदालत ने NIA को उसके समक्ष सभी सामग्रियों की जांच करने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 13 जून तक के लिए स्थगित कर दी है.
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