पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव और नतीजों के बाद हुई हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस और राज्य की ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर राज्य में हिंसा कंट्रोल नहीं होती तो अगले पांच साल तक के लिए वहां सुरक्षा बलों (CAPF) को तैनात कर दिया जाएगा. खबर है कि बंगाल में हुई हिंसा से जुड़ी याचिका छह जून को 'Rastrabadi Ainjeebi' नाम के संगठन ने दायर कराई थी जिस पर जस्टिस कौशिक चंदा और जस्टिस अपूर्ब सिन्हा रे की बेंच ने सुनवाई की.
कलकत्ता हाई कोर्ट को वकील सुस्मिता साहा दत्ता ने बताया कि राज्य में चुनाव प्रचार और नतीजों के बाद हुई हिंसा में अबतक 11 लोगों की मौत हुई है. 11 लोगों की मौत पर कोर्ट ने पूछा कि हम कैसे मान लें कि 11 लोगों की मौत हुई है जिस पर वकील वकील सुस्मिता साहा दत्ता ने बताया कि उनके पास इन मौतों को साबित करने के लिए पर्याप्त डॉक्यूमेंट्स हैं. हालांकि, बंगाल सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये सच नहीं है. वहीं कोर्ट ने हिंसा और उसके बाद मौत के आंकड़ों पर दुख जताया.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को आदेश दिया कि वो तत्काल रूप से हिंसा से प्रभावित लोगों को ईमेल के जरिए राज्य के DGP को शिकायत दर्ज कराने की अनुमति दे. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही.
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