CBSE Multilingual Education: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE Board) ने बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये अपने स्कूलों में अब क्षेत्रीय भाषाओं (Regional languages) में भी शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है. बोर्ड की तरफ से 21 जुलाई को जारी एक नोटिस में CBSE स्कूलों को प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक अपने यहां मौजूद सुविधाओं को देखते हुए अल्टरनेट मीडियम के तौर पर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने का विकल्प दिया है.
सीबीएसई बोर्ड ने केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, ओडिशा आदर्श विद्यालय, सैनिक विद्यालय सोसायटी समेत अन्य सहयोगी संगठनों को इस संबंध में पत्र लिखा है. पत्र के मुताबिक, वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत संविधान की अनुसूची 8 में उल्लेखित भारतीय भाषाओं में पढ़ाई करवा सकते हैं.
इधर, शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भाषाओं में नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश दिया है. दावा किया जा रहा है कि ये पुस्तके अगले सत्र से उपलब्ध हो सकती हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीबीएसई के इस कदम की सराहना करते हुए बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अपने सभी विद्यालयों में बालवाटिका से कक्षा 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए सीबीएसई को बधाई देता हूं. NEP की परिकल्पना के अनुरूप यह विद्यालयों में भारतीय भाषा आधारित शिक्षा को बढ़ावा देगा। शिक्षा में बेहतर outcomes की दिशा में यह एक अच्छी शुरुआत है.
बता दें कि अब तक CBSE स्कूलों में सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी माध्यम का विकल्प था.