G20 Summit: भारत में 18वां शिखर सम्मेलन शुरू हो चुका है. पीएम मोदी ने सभी नेताओं को वेलकम किया और अपने उद्घाटन स्पीच में दुनिया को सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास पर जोर दिया. विदेशी मेहमान भी भारत की खूब तारीफ कर रहे हैं.
लेकिन भारत के लिए चीन और रूस बाधा बन सकते हैं. क्योंकि भारत के सामने शिखर सम्मेलन का संयुक्त बयान जारी कराने की चुनौती होगी. ऐसी संभावना है कि रूस और चीन इसमें रुकावट बन सकते हैं. बता दें कि यूक्रेन संघर्ष पर पिछले जी-20 समिट में भी आम सहमति नहीं बन सकी थी. रूस और चीन तब संयुक्त बयान के आखिरी के दो पैराग्राफ पर सहमत नहीं हुए थे और 17वां जी-20 शिखर सम्मेलन बिना संयुक्त बयान के समाप्त हो गया था.
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भारत के सामने भी रूस-यूक्रेन संघर्ष पर आम राय सहमत कराने की चुनौती होगी. जाहिर है इस सम्मेलन में ना तो रूस के राष्ट्रपति पुतिन दिल्ली आए हैं और ना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग. दोनों नेताओं ने अपने प्रतिनिधियों को भेजा है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि भारत में होने वाला 18वां जी 20 शिखर सम्मेलन में बिना संयुक्त बयान के समाप्त हो सकता है.
बता दें कि G20 आम सहमति के सिद्धांत पर काम करता है और जबतक कोई बयान जारी नहीं करता, तबतक सभी सदस्य एक राय नहीं हो जाते. हालांकि भारत को संयुक्त बयान जारी होने की पूरी उम्मीद है.