Chandrayaan-3: इसरो अध्यक्ष ने 'चंद्रयान-3' मिशन की सफलता के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना की

Updated : Jul 13, 2023 19:14
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Editorji News Desk

Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने 'चंद्रयान-3' मिशन के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार को सुल्लुरपेटा स्थित श्री चेंगलम्मा परमेश्वरिनी मंदिर में पूजा-अर्चना की. काली टी-शर्ट पहने सोमनाथ ने श्रीहरिकोटा से 22 किलोमीटर पश्चिम में तिरुपति जिले में स्थित मंदिर में पूजा की.

पूजा करने के बाद उन्होंने कहा कि 'मुझे चेंगलम्मा देवी के आशीर्वाद की जरूरत है...मैं यहां प्रार्थना करने और इस मिशन की सफलता के लिए आशीर्वाद लेने आया हूं. 'चंद्रयान-3' को शुक्रवार के दिन दोपहर बाद 2 बजकर 35 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा. सोमनाथ ने बताया कि 'चंद्रयान-3' शुक्रवार को अपनी यात्रा शुरू करेगा. हम उम्मीद कर रहे हैं कि सबकुछ ठीक रहेगा और यह 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा.

'चंद्रयान-3' मिशन का प्रक्षेपण 14 जुलाई को दोपहर बाद दो बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा. इसके लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सोमनाथ ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे चेंगलम्मा देवी के आशीर्वाद की जरूरत है. मैं यहां प्रार्थना करने और इस मिशन की सफलता के लिए आशीर्वाद लेने आया हूं.'

अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा कि 'चंद्रयान-3' को शुक्रवार के दिन दोपहर 2:35 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'चंद्रयान-3 कल अपनी यात्रा शुरू करेगा. हम उम्मीद कर रहे हैं कि सबकुछ ठीक रहेगा और यह 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा.'

सोमनाथ के अनुसार, इसरो का अगला प्रक्षेपण कार्यक्रम जुलाई के अंत में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए एक वाणिज्यिक उपग्रह का होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का अंतरिक्ष आधारित पहला मिशन 'आदित्य-एल1' अगस्त में संभावित है.

'चंद्रयान-1' मिशन पर इसरो प्रमुख ने कहा कि यह एक 'सुपरहिट मिशन' था, जिसके अच्छे नतीजे आए और यह लंबे समय तक अस्तित्व में रहा, जिसमें चंद्रमा पर पानी की खोज भी शामिल थी. उन्होंने कहा कि 'चंद्रयान-2' ने 'सॉफ्ट लैंडिंग' को छोड़कर कई वैज्ञानिक जानकारियां जुटाईं और पानी की मौजूदगी की पुष्टि की. यह रेखांकित करते हुए कि प्रत्येक प्रक्षेपण कई मायनों में एक सफलता होता है, उन्होंने कहा कि 'चंद्रयान-3' भी वैसा ही होगा.

इस बीच, चेंगलम्मा मंदिर के कार्यकारी अधिकारी श्रीनिवास रेड्डी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि रॉकेट प्रक्षेपण से पहले इसरो अधिकारियों का इस मंदिर में आना एक परंपरा बन गया है. रेड्डी ने कहा, 'हर रॉकेट प्रक्षेपण की पूर्व संध्या पर उल्टी गिनती शुरू होने से पहले, वे चेंगलम्मा मंदिर में पूजा करते हैं और फिर अपना प्रक्षेपण कार्य शुरू करते हैं.'

इसके अलावा, इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्र अन्वेषण मिशन की शुरुआत से पहले गुरुवार  सुबह पास के तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का दौरा किया. इसरो टीम में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे. गुरुवार सुबह उनके मंदिर पहुंचने की तस्वीरें वायरल हो गईं. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने उनके मंदिर पहुंचने की पुष्टि की. टीटीडी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''हां, इसरो की एक टीम ने तिरुमाला का दौरा किया लेकिन हमारी प्रचार शाखा ने उनके दौरे को कवर नहीं किया.'' अधिकारी ने कहा कि इसरो अधिकारी आम तौर पर मंदिर आने का प्रचार नहीं करते.

 

ISRO Chairman

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