पूरे देश में मिशन चंद्रयान की सफलता का जश्न जोर शोर से मनाया जा रहा है. आम आदमी से लेकर नेता, अभिनेता सब इस उपलब्धि के बाद खुशियां मना रहे हैं. देश के तीसरे लूनर मिशन चंद्रयान-3(Chandrayaan-3 Successful landing on the moon) ने चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग कर चुका है. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है.
ऋतु करिधल- लखनऊ के राजाजी पुरम इलाके की ऋतु को भारत की 'रॉकेट वूमेन' भी कहा जाता है, ऋतु भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के भीतर एक वरिष्ठ वैज्ञानिक की भूमिका निभाती हैं, चंद्रयान -2 के लिए मिशन निदेशक और मंगलयान के लिए उप संचालन निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.
नंदिनी हरिनाथ - वह मार्स ऑर्बिटर मिशन, मंगलयान का हिस्सा थीं.उन्होंने मिशन योजना, विश्लेषण और संचालन पर एक शोध पत्र का सह-लेखन किया है.
मौमिता दत्ता - दत्ता को ऑप्टिकल और आईआर सेंसर, उपकरण या पेलोड के विकास और परीक्षण में विशेषज्ञता हासिल है.
अनुराधा टीके - भले ही अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, वह एक वैज्ञानिक और इसरो की परियोजना निदेशक रही हैं, अनुराधा संचार उपग्रहों में विशेषज्ञ हैं.
मीनल रोहित- भारतीय वैज्ञानिक और इसरो में सिस्टम इंजीनियर हैं.मीनल रोहित ने मंगल ग्रह पर मंगलयान अंतरिक्ष जांच के सफल प्रक्षेपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मुथैया वनिता- वनिता इसरो के चंद्रयान-2 चंद्र मिशन की परियोजना निदेशक थीं.वनिता ने भारत के रिमोट सेंसिंग उपग्रहों के लिए डेटा संचालन पर काम किया है. और 2006 में एस्ट्रोनॉटिकली सोसाइटी ऑफ इंडिया का सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक पुरस्कार जीता है.
वीआर ललिताम्बिका- उन्नत लॉन्चर टेक्नोलॉजीज में विशेषज्ञता के साथ, ललिताम्बिका ने 'गगनयान' मिशन का नेतृत्व किया था. एक अनुभवी नियंत्रण इंजीनियर, ललितांबिका 30 वर्षों से इसरो के साथ हैं और उन्होंने आज इसके उपयोग में आने वाले प्रत्येक रॉकेट पर काम किया है.