PIB Fact Check ने उस खबर को भ्रामक बताया जिसमें दावा किया गया था कि ISRO के लिए लॉन्चपैड बनाने वाले HEC के लोगों को वेतन नहीं मिला और वो सड़क किनारे चाय और इडली बेचकर गुजारा कर रहे हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर PIB Fact Check ने खबर की हेडलाइन को पोस्ट करते हुए लिखा कि, "HEC को Chandrayaan 3 के लिए किसी भी Component की मैन्यूफैक्चरिंग का काम नहीं सौंपा गया था. बताया गया कि HEC ने ISRO के लिए सितंबर 2003 से जनवरी 2010 तक कुछ बुनियादी ढांचे की आपूर्ति की थी.
PIB Fact Check की ये प्रतिक्रिया उस ख़बर और दावे के बाद सामने आई जिसमें कहा जा रहा था कि Chandrayaan-3 के टेक्नीशियन दीपक कुमार उपरारिया रोजमर्रा के खर्चे और गुजारा करने के लिए रांची की सड़कों पर इडली बेच रहे हैं.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि चंद्रयान-3 के लिए फोल्डिंग प्लेटफॉर्म और स्लाइडिंग गेट बनाने वाली कंपनी ने अपने कर्मियों को 18 महीने से वेतन नहीं दिया है. दीपक कुमार पर लाखों रुपये का कर्जा होने की भी बात कही गई. इस खबर के बाद ही सोशल मीडिया पर इडली वाला साइंटिस्ट तेजी से वायरल हुआ.
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