असम सरकार की ओर से ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक नई वित्तीय सहायता योजना तैयार की गई है. इस योजना के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी के 2 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य को हासिल करना है. हालांकि इस योजना के लाभ के लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं. योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चों की संख्या सीमा तय कर दी गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य और ओबीसी कैटेगरी की महिलाएं यदि इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं तो उनके 3 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए, इसी तरह अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) की महिलाओं के लिए यह सीमा 4 बच्चों की तय की गई है.
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि 'उनकी सरकार विशिष्ट कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के इच्छुक लाभार्थियों पर धीरे-धीरे "जनसंख्या मानदंड" लागू करेगी'. महिलाओं के लिए एक नई उद्यमिता योजना की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि सरकारी योजनाएं कुछ पात्रता मानदंडों के साथ शुरू की जाएंगी, जिसमें माता-पिता के बच्चों की संख्या की सीमा भी शामिल है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 'राज्य की जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए यह पहल की जा रही है'. उन्होंने कहा, "हमारी सभी कल्याणकारी योजनाएं हमारी माताओं और बहनों के लाभ के लिए जनसंख्या नियंत्रण उपायों से जुड़ी होंगी." 'मुख्यमंत्री ने महिला उद्यमिता अभियान' योजना के बारे में बोलते हुए कहा कि 'प्रत्येक पात्र महिला को 'लखपति बेटी' बनने के प्रयास में तीन वर्षों में 35,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे. उन्होंने कहा हालांकि योजना के लाभार्थियों को कुछ सामाजिक-आर्थिक मानदंडों को पूरा करना होगा'.