नामीबिया से लाए हुए चीतों को अगर सबसे ज्यादा खतरा किसी से है, तो वो हैं शिकारी. ऐसे में सरकार इन चीतों की सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम कर रही है. दरअसल सरकार ने कूनो जंगल में छोड़े गए 8 चीतों की सुरक्षा के लिए जर्मन शैफर्ड कुत्तों को तैनात करने का फैसला किया है. इसको लेकर ITBP के जवानों ने कुत्तों की ट्रेनिंग देनी भी शुरू कर दी है.
चीतों की सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम
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जानकारी के मुताबिक हरियाणा में ITBP के जवान 6 जर्मन शैफर्ड कुत्तों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इन सभी को इस तरह से ट्रेंड किया जा रहा है, ताकि शिकारी चीतों से दूर रहें. ITBP के आईजी ईश्वर सिंह दूहन का कहना है कि कुत्तों में सूंघने की क्षमता काफी होती है. ऐसे में शिकारियों की पहचान ज्यादा अच्छे से की जा सकती है. उनका कहना है कि जंगल में शिकारी काफी एक्टिव रहते हैं, क्योंकि जानवरों को मारने के बाद शिकारियों को मुंहमांगी रकम मिलती है.
जर्मन शैफर्ड कुत्तों को तैनात करने का फैसला
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बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी की पहल पर नामीबिया से 8 चीते भारत में लाए गए हैं. इन सभी को कूनो पार्क में रखा गया है, लेकिन चिंता इस बात की है कि कहीं इनका शिकार न हो जाए. ऐसे में चीतों को बचाने के लिए सरकार ने ये खास रणनीति तैयार की है.