US warship in India: अमेरिका के एक कदम ने चीन को असहज कर दिया है. ताइवान (Taiwan) में तनाव के बीच अमेरिका का एक नौसैनिक जहाज चार्ल्स ड्रिव मरम्मत (US Navy Ship) के लिए चेन्नई (Chennai) के कट्टुपल्ली पहुंचा है. अमेरिकी नौसेना के किसी जहाज का ये पहला भारत दौरा है. इसे अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि भारत और चीन दो साल से पूर्वी लद्दाख (Laddakh) को लेकर भिड़े हैं. यह भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौतों (Defence deal) का एक अंग है.
भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) के चेन्नई स्थित शिपयार्ड में अमेरिकी जहाज की मरम्मत की जाएगी. यह 11 दिनों तक इसी शिपयार्ड पर रहेगा.
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भारत के रक्षा मंत्रालय ने इसे 'मेक इन इंडिया' को जबरदस्त 'बढ़ावा' देने वाला करार दिया है. मंत्रालय ने कहा है कि यह भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम देगा. इस कदम से वैश्विक शिप रिपेयरिंग बाजार में भारत के शिपयार्ड की क्षमताओं के महत्व का पता चलता है.
भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के पास आज लगभग दो अरब डालर के कारोबार के साथ 6 प्रमुख शिपयार्ड हैं. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमारा अपना डिजाइन हाउस है और यह सभी प्रकार के अत्याधुनिक जहाज बनाने में सक्षम है.