छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को भारतीय संस्कृति के लिए कलंक बताया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, 'यह भारतीय संस्कृति के विपरीत है. समाज के कुछ क्षेत्रों में लिव-इन रिलेशनशिप भारतीय संस्कृति पर कलंक के तौर पर जारी है.'
बता दें कि बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक युवक को उसकी प्रेमिका से हुए बच्चे की कस्टडी देने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की खंड पीठ में मामले की सुनवाई हुई.
अदालत ने कहा कि एक विवाहित व्यक्ति के लिए लिव इन रिलेशनशिप से बाहर आना बहुत आसान है. ऐसे मामलों में उक्त कष्टप्रद लिव इन रिलेशनशिप से बचे व्यक्ति की वेदनीय स्थिति और उस रिश्ते से जन्मी संतानों के संबंध में न्यायालय अपनी आंखें बंद नहीं कर सकती.