इस साल की शुरुआत में हुए यूपी विधानसभा और उसके बाद रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त दी थी. अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीजेपी से मुकाबले के लिए अपनी रणनीति बदल दी. समाजवादी पार्टी अब अपने समाजवाद में राष्ट्रवाद का तड़का लगाने जा रही है. इसकी शुरुआत आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के दौरान दिखेगी. सपा अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान में बढ़चढ़ कर शामिल होगी. इसके जरिए वो लोगों के बीच में खुद को सबसे बड़ी देशभक्त पार्टी के तौर पर पेश करेगी.
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दरअसल केंद्र सरकार देश भर में हर घर तिरंगा अभियान जोर शोर से चला रही है. इसी कड़ी में इसकी जबरदस्त तैयारियां योगी सरकार करवा रही है. अब सपा ने अपने कार्यकर्ता से अपने अपने घरों में सम्मान के साथ तिरंगा फहराने की अपील की है. बता दें कि विपक्षी दलों में सपा ऐसी पहली पार्टी बन गई है, जो इस मुहिम के सपोर्ट में खुलकर आई है. सपा ने इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं. उन्होंने सपा के सभी कार्यकर्ताओं से 9 से 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहरा दें. पार्टी का कहना है कि भारत छोड़ो आंदोलन में समाजवादियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था.
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अखिलेश राष्ट्रवाद की पिच पर खेलेंगे
सपा को लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं. इसलिए राष्ट्रवाद के मुद्दे पर खुद को सबसे बड़ा लीडर दिखाना चाहते हैं. सपा ने अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर शुरू करने जा रही पदयात्रा का नाम ही देश बचाओ- देश बनाओ रखा है. इसमें भी तिरंगा झंडा अभियान पर पार्टी का सबसे ज्यादा यात्रा फोकस रहेगा. साफ्ट हिंदुत्व का मुद्दा सपा पहले ही अपना चुकी है. हालांकि विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिला. हालांकि सपा को चुनाव में मुस्लिमों के बड़े वर्ग का समर्थन मिला लेकिन वह सत्ता से दूर ही रही.