Clean Ganga Mission : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (National Mission for Clean Ganga) को लेकर तीखी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि यह मिशन सिर्फ पैसा बांटने की मशीन बनकर रह गया है. कोर्ट ने दो टूक कहा कि आवंटित पैसों से गंगा की सफाई हो रही है या नहीं, इसकी न तो निगरानी की जा रही है और न ही जमीन पर कोई काम ही दिखाई दे रहा है. कोर्ट ने इसे सिर्फ आंखों में धूल झोंकने वाला बताया.
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हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान गंगा प्रदूषण (Ganga Pollution) मामले में मिशन के बजट का ब्योरा मांगने पर सामने आई जानकारी पर ये टिप्पणी की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि गंगा सफाई पर किए गए करोड़ों के बजट से काम हुआ या नहीं, तो इस पर कोई जवाब नहीं मिला.
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इससे पहले सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने मिशन से जुड़े अलग-अलग बोर्ड और विभागों के हलफनामों पर जानकारी मांगी. केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि साल 2014-15 से 2021-22 के दौरान करीब 11993.71 करोड़ विभिन्न विभागों को बांटे गए. साथ ही मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में निगरानी कमेटी बनाई गई है.