भारतीय दंड संहिता (IPC) और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता ( CrPC) और एविडेंस एक्ट में बदलाव के लिए तीन नए बिलों को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा. इसके लिए मोदी कैबिनेट ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक (The Criminal Law Amendment Bills) पेश करने की मंजूरी दे दी है.
IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल, CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल और IEA की जगह भारतीय साक्ष्य बिल लाया जाएगा.
गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने इन तीन कानूनों में बदलाव के साथ-साथ एडल्टरी और गे सेक्स यानी समलैंगिता को फिर से आपराधिक बनाने की सिफारिश की थी. हालांकि, सरकारी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट कमिटी इन 2 सुझावों से असहमत हो गई.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने अलग-अलग आदेश में व्यभिचार और समलैंगिक यौन संबंधों को गैर-आपराधिक घोषित किया है. पीएम मोदी, मोदी कैबिनेट का ऐसा मानना है कि एडल्टरी और होमोसेक्सुएलिटी को दोबारा कानून के दायरे में लाने के दूरगामी नतीजे होंगे. साथ ही इसे सुप्रीम कोर्ट और उसके फैसलों के खिलाफ देखा जाएगा.