ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 278 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 44 लोग सिर्फ बिहार के रहने वाले थे. वहीं 900 घायलों में से 44 लोग बिहार के निवासी हैं. यह दावा बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम (Minister Shahnawaz Alam) ने किया है. उन्होंने बताया कि 88 लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. कई शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इसके लिए उनके डीएनए जांच के लिए सैंपल दिल्ली एम्स (delhi aiims) भेजे गए हैं. ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार शाम करीब 7 बजे बालासोर इलाके में कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.
साउथ ईस्टर्न रेलवे (South eastern railway) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि इस रेलखंड पर अब ट्रेनों की आवाजाही जारी है. मुआवजे के लिए 688 केस आए हैं और अभीतक 19.26 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. साथ ही आगे की प्रक्रिया भी जारी है, ताकि लोगों को तुरंत मुआवजा मिल सके.
सीपीआरओ ने बताया कि इस रेलखंड पर दुर्घटना के बाद रेल सेवा बहाल कर दी गई है . अबतक 56 ट्रेन अप और 67 ट्रेन डाउन साइड से गुजर चुकी है. साथ ही मामले की जांच जारी है. ताकि सही वजह का पता लग सके.
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि इस दुर्घटना के लिए असल जिम्मेदार की पहचान होनी चाहिए. लोगों के मालूम होना चाहिए कि इसके पीछे कौन है.
बालासोर में बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार को यह हादसा हुआ था. यहां कोरोमंडल एक्सप्रेस (coromandel express 12841) मेन लाइन से गुजर रही थी. वह अचानक इस लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा जाती है. इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाते हैं. ये डिब्बे बगल वाली लाइन से गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस(yashwantpur hawrah express) से टकरा जाती है.
इस घटना की जांच के लिए सीबीआई(cbi) को जिम्मदारी सौंपी गई. सीबीआई की टीम ने मंगलवार को घटनास्थल पहुंचकर जायजा लिया. इस घटना के हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है.