CoWin Data Leak: कोविन डेटा लीक पर आई सरकार की सफाई, कहा नहीं हुई सेंधमारी

Updated : Jun 22, 2023 13:46
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Editorji News Desk

CoWin Data Leak: कोविन डेटा लीक पर आई सरकार की सफाई, कहा नहीं हुई सेंधमारी. कोविन डेटा लीक मामले पर सरकार की तरफ से सफाई आई है.

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि ऐसा नहीं लगता कि Covid-19 ऐप या डेटाबेस सीधे तौर पर इसका शिकार हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टी (CERT-In) ने तुरंत कदम उठाया और मामले की समीक्षा की है.

चंद्रशेखर ने कहा कि नेशनल डेटा एडमिनिस्ट्रेशन पॉलिसी को अंतिम रूप दे दिया गया है, जो देश में डेटा स्टोरेज, एक्सेस और सुरक्षा मानकों का एक साझा ढांचा तैयार करेगी.  

उन्होंने साफ करते हुए कहा कि डेटा को बॉट स एक थ्रेट एक्टर डेटाबेस से एक्सेस किया, जिससे ऐसा लगता है कि इसे पूर्व में चोरी किए गए डेटा के साथ जोड़ा गया है. लेकिन कोव-19 ऐप या डेटाबेस में सीधे तौर पर सेंधमारी नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: वीआईपी समेत हजारों भारतीयों का कोविड डेटा लीक, साइबर अपराधियों ने लगा दी बोली

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेटा लीक की खबरों को बेबुनियाद बताया. कंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविन प्लेटफार्म पर रजिस्टर्ड लाभार्थियों के डेटा में सेंध लगने का दावा करने वाली खबरें बेबुनियाद हैं.

उसने देश की नोडल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CERT-In से मामले में जांच करने और एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है.

मंत्रालय ने कहा कि कोविन पोर्टल डेटा प्राइवेसी के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है. मंत्रालय से स्पष्ट कहा कि ये साफ किया जाता है कि ऐसी सभी खबरें बेबुनियाद और शरारतपूर्ण हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय का कोविन पोर्टल डेटा प्राइवेसी के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है.

गौरतलब है कि सोमवार सुबह ऐसी खबरें आईं कि कोविड -19 से बचाव के लिए वैक्सीन ले चुके लोगों की निजी जानकारी लीक हो गई है. इस डेटा में आम भारतीयों के साथ पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम. टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, कांग्रेस पार्टी नेता जयराम रमेश, अभिषेक मनु सिंघवी और सुष्मिता देव समेत कई नामी लोगों का पर्सनल डेटा शामिल होने की बातें कही गई थी.

जिनमें इन लोगों का नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, तारीख और कोविड-19 रिपोर्ट का नतीजा दिखता है. लीक हुए डेटा को रेड फोरम वेबसाइट पर बिक्री के लिए रखा गया है, जहां एक साइबर अपराधी ने 20,000 से अधिक लोगों का व्यक्तिगत डेटा होने का दावा किया है.

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