Presidential Polls 2022: राष्ट्रपति चुनाव ( Presidential Election) के लिए सोमवार को वोटिंग (Voting) हुई. वोटिंग सुबह 10 से शुरू हुई जो शाम 5 बजे तक चली. राष्ट्रपति चुनाव में 99.18 फीसदी मतदान दर्ज हुआ. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव में 8 सांसद अपना वोट नहीं डाल पाए. इस बीच वोटिंग के दौरान कई राज्यों से क्रॉस वोटिंग (Cross voting) की खबर भी सामने आई. जिन राज्यों से क्रॉस वोटिंग वोटिंग की खबर हुई, उसमें असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा प्रमुख हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में जमकर हुई क्रॉस वोटिंग
गुजरात में NCP विधायक कंधाल एस. जडेजा ने बताया कि उन्होंने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया. वहीं असम में AIUDF के विधायक करीम उद्दीन बरभुइया ने दावा किया कि राज्य में कम से कम 20 कांग्रेस विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में अपना वोट डाला. हालांकि कांग्रेस ने इससे इनकार किया. यूपी में अखिलेश की पार्टी सपा के विधायक शहजील इस्लाम ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया. अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने भी क्रॉस वोटिंग की.
ये भी पढ़ें-GST Rates Hike: 'महंगाई' पर अपनी सरकार पर ही बिफरे वरुण गांधी, राहुल-अखिलेश ने भी घेरा
कांग्रेस के विधायकों ने की सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग
कांग्रेस के विधायकों ने सबसे ज्यादा क्रॉस वोटिंग की. ओडिशा में भी कांग्रेस विधायक ने क्रॉस वोटिंग की. हरियाणा में भी कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा है। पार्टी के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की है. अगर क्रॉस वोटिंग के आंकड़े को देखें तो साफ पता चलता है कि सोनिया, अखिलेश और शरद पवार अपना कुनबा नहीं संभाल पाए.
राष्ट्रपति चुनाव में व्हिप की मनाही
नियम के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी पार्टी मतदान के लिए व्हिप नहीं जारी कर सकती. सभी विधायकों और सांसदों को अपनी मर्जी के मुताबिक किसी भी कैंडिडेट को वोट देने का अधिकार होता है. बता दें कि एनडीए (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की जीत लगभग तय है और अगर वो चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी.