Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) के गुरुवार को गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास तट से टकराने की आशंका है, जिसका संकेत गुजरात (Gujarat) के कच्छ जिले के मांडवी समुद्र तट पर चल रही तेज हवाएं और उफनती लहरें भी दे रही हैं.
चक्रवात से बचने के लिए हर स्तर पर तैयारी की गई है. तटीय इलाकों में राहत और बचाव अभियान के लिए NDRF की 17 टीमें और SDRF की 12 टीमें तैनात की गईं हैं.
गुजरात के नलिया में भी गुजरात के नलिया में आपदा प्रबंधन की टीम पहुंच गई है. गुजरात के द्वारका जिले के एसडीएम पार्थ तलसानिया ने बताया कि चक्रवात पश्चिम की ओर बढ़ गया है और इसके द्वारका में लैंडफॉल करने की आशंका है.
उन्होंने बताया कि लगभग 4,500 लोगों को तटीय क्षेत्रों से अलग-अलग शेल्टर होम्स में पहुंचा दिया गया है. उन्होंने बताया कि द्वारका और ओखा में द्वारका और ओखा में एनडीआरएफ की एक-एक टीम है. साथ ही एसडीआरएफ और सेना के जवान भी तैनात हैं.
आईएमडी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, ‘‘वीएससीएस (बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान) ‘बिपारजॉय’ अरब सागर के ऊपर उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए 14 जून को तड़के भारतीय समायुनसार ढाई बजे जखाऊ बंदरगाह से लगभग 280 किलोमीटर डब्ल्यूएसडब्ल्यू पर केंद्रित रहा.
गुजरात सरकार की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अभी तक समुद्र तट के किनारे रह रहे 37,794 लोगों को निकाला गया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार रात राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा किया. आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को निकालने का काम बुधवार को भी जारी रहेगा. आईएमडी के अनुसार, चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की आशंका है.
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है। इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी.