Cyrus Mistry Death in Road Accident: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन (former chairman of Tata Sons) और उद्योगपति साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry death) का निधन हो गया है. एक सड़क हादसे (Road accident) के चलते उनका निधन हुआ है. मुंबई (mumbai) के पास पालघर (Palghar) में यह सड़क हादसा हुआ है. दुर्घटना के बाद मिस्त्री को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, मिस्त्री की मर्सिडीज कार रोड डिवाइडर (Road divider) से टकरा गई थी. कार में कुल चार लोग सवार थे. इस एक्सीडेंट में मिस्त्री समेत दो लोगों की मौत हुई है. आइए जानते हैं कि टाटा के साथ विवाद (Dispute with TATA) के चलते सुर्खियों में आए साइरस मिस्त्री कौन है? और कैसे हुआ उनका इस पद पर चुनाव और कैसे उन्हें हटाया गया था.
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43 साल में बने थे टाटा के चेयरमैन
23 नवंबर 2011 बुधवार की शाम 6 बजे के आसपास देश-दुनिया में एक खबर सरप्राइज बनकर उभरी कि टाटा ग्रुप को नया उत्तराधिकारी मिल गया. दिलचस्प बात ये कि भावी मुखिया टाटा परिवार का न होकर, एक बाहरी व्यक्ति है और फिर अगले कुछ ही घंटों में 43 वर्षीय साइरस पलोनजी मिस्त्री टाटा समूह के सबसे युवा चेयरमैन बनाए गए.
टाटा ने अचानक चेयरमैन पद से हटा दिया था
रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुनना टाटा संस के लिए काफी मशक्कत का काम था. अगस्त 2010 में रतन टाटा के उत्तराधिकारी की खोज के लिए सदस्यों की एक समिति बनाई गई थी और इसमें खुद साइरस भी शामिल थे. इसमें शामिल सदस्यों ने सही व्यक्ति की खोज में दुनियाभर में चक्कर लगाए और दर्जनों बैठकें की. उत्तराधिकारी की दौड़ में सबसे आगे रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा चल रहे थे. इसके अलावा इंदिरा नूई समेत 14 अन्य लोग भी शामिल थे. इन सबके इंटरव्यू लिए गए. इनके कामकाज के तरीके, अनुभव, योग्यता को परखा गया और तब जाकर सर्वसम्मति से साइरस को चुना गया. विवाद की शुरुआत तब हुई जब टाटा संस के चेयरमैन बनाए जाने के 4 साल बाद 2016 में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया था. इसके बाद वे टाटा समूह से विवाद को लेकर लगातार चर्चा में बने रहे थे.
साइरस मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन बने थे
सायरस मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन बने थे, जबकि दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने इस पद से रिटायरमेंट ले लिया था. इसके साथ ही सायरस मिस्त्री टाटा संस के सबसे युवा चेयरमैन भी थे. गौरतलब है कि मिस्त्री परिवार टाटा सन्स में दूसरा सबसे बड़ा शेयरहोल्डर्स है. समूह में इस परिवार की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है. 2016 को उन्हें चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद फिर से समूह की कमान रतन टाटा ने अंतरिम चेयरमैन के रूप में अपने हाथ में ले ली थी.
लंदन से की थी बिजनेस की पढ़ाई
सायरस मिस्त्री ने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है. सायरस ने परिवार के पलोनजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू किया था. उन्हें 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप का निदेशक नियुक्त किया गया था. बता दें, पलोनजी मिस्त्री ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है. सायरस मिस्त्री के नेतृत्व में उनकी कंपनी ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है.