Delhi Jahangirpuri violence: दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri violence) समेत देश के अलग अलग शहरों में हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने चीफ जस्टिस (CJI) N. V. Ramana को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच पक्षपाती है जबकि वकील विनीत जिंदल ने SC में याचिका डाल दिल्ली समेत दूसरे शहरों में रामनवमी और हनुमान जयंती (Hanuman jayanti) पर हुई हिंसा की जांच (Investigation) NIA से करवाने की मांग की है.
वकील अमृतपाल ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली पुलिस की जांच सांप्रदायिक और दंगों की तैयारी करने वालों को सीधे तौर पर बचाने वाली रही है. लिहाजा निष्पक्ष जांच (Fair investigation) के लिए सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज की अध्यक्षता में, एक कमेटी (committee) गठित की जाए.
बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक. मामले में अब तक मुख्य साजिशकर्ता अंसार समेत 20 लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 2 नाबालिग को भी पकड़ा गया है. आरोपियों के नाम अंसार, असलम, जाहिद, शहजाद, मुख्तयार अली हसन, मोहम्मद अली, आमिर, अक्सर, नूर आलम, जाकिर, अकरम, इम्तियाज, अहिर, शेख सौरभ, सूरज, नीरज, सुकेन, सुरेश, सुजीत सरकार और सलीम चिकना हैं. यानी ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि जब शांति भंग करने की कोशिश दोनों तरफ से की गई तो कार्रवाई एकतरफा क्यों? क्या दूसरे पक्ष के लोग हाथों में पिस्टल और भाला लेकर शांति से पूजा करने निकले थे ??
बता दें कि हनुमान जयंती से पहले रामनवमी पर देश के कई राज्यों में हिंसा, पथराव और आगजनी की घटना हुई. दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में साम्प्रदायिक तनाव देखने को मिला.
जिन शहरों में हिंसा हुई वो गुजरात का हिम्मतनगर और खंभात, मध्य प्रदेश का खरगोन, झारखंड का लोहरदगा, पश्चिम बंगाल का बांकुरा, दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, गोवा का वास्को और बिहार का मुजफ्फरपुर है.