दिल्ली की राज्य सरकार और केंद्र सरकार एक बार फिर आमने सामने है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर सिंगापुर (singapore) जाने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया है. पत्र में सीएम केजरीवाल ने लिखा है कि उन्हें दिल्ली मॉडल को विश्वस्तरीय सम्मेलन में प्रस्तुत करने सिंगापुर जाने का न्योता मिला है और यह न्योता देश के लिए गौरव की बात है. केजरीवाल ने लिखा इतने महत्वपूर्ण मंच पर जाने से किसी सीएम को रोकना देशहित के खिलाफ है.
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क्या कहते हैं नियम ?
दरअसल प्रोटोकॉल के मुताबिक मुख्यमंत्री समेत किसी भी मंत्री को आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेना जरूरी है और मंजूरी के लिए फाइल उपराज्यपाल ऑफिस के जरिए गृह मंत्रालय को भेजी जाती है. परमिशन मिलने के बाद ही सीएम इस तरह के आयोजन का हिस्सा हो सकते हैं.
किसने दिया सीएम केजरीवाल को न्योता
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जानकारी के मुताबिक एक जून को सिंगापुर के हाई कमिश्नर साइमन वोंग ने सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी और उन्हें सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने का न्योता दिया था. जिसे अरविंद केजरीवाल ने इसको स्वीकार किया था. इसके बाद सरकार की तरफ से उपराज्यपाल के पास पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए फाइल भेजी गई थी. जिसे अभी तक क्लियर नहीं किया गया है.
गौरतलब है कि 2019 में भी अरविंद केजरीवाल को पर्यावरण के मुद्दे पर बोलने के लिए विदेश जाना था. लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से पॉलिटिकल क्लीयरेंस नहीं मिला था.