केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए निकले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का साथ मिल गया है. अखिलेश यादव ने उन्हें भरोसा दिया है कि सपा के सभा सांसत राज्यसभा में इस अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे. साथ ही अखिलेश ने दिल्ली विधानसभा पर लाए गए केंद्र के अध्यादेश को लोकतंत्र के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि हम केजरीवाल सरकार का समर्थन करते हैं और हमारे सभी सदस्य आम आदमी पार्टी के साथ हैं. राज्यसभा में एनडीए गठबंधन के कुल 105 सांसद हैं, जबकि गैर एनडीए के दलों के सदस्यों की संख्या 133 है. इसलिए केजरीवाल की कोशिश है कि सभी विपक्षियों को एकत्र कर लिया जाए तो केन्द्र द्वारा लाए जाने वाले बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराया जा सकता है.
इस बैठक के बाद प्रेस वार्ता में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखकर डर गई है. इसलिए यह अध्यादेश लाई है. हम केजरीवाल सरकार का समर्थन करते हैं और राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे. हमारे सभी सदस्य आम आदमी पार्टी के साथ हैं.
वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है. जिसके तहत चुनी हुई सरकार के पास ही प्रशासनिक शक्तियां रहेंगी, लेकिन मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार की शक्तियां छीन ली. हमने अखिलेश यादव से समर्थन मांगा है कि अगर राज्यसभा में भाजपा सरकार द्वारा लगाया गया अध्यादेश गिर गया तो 2024 के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा. इसके लिए केजरीवाल गैर भाजपा दल के नेताओं से मिलकर उनसे समर्थन मांग रहे हैं.
राज्यसभा में बिल नामंजूर कराने का यह है गणित
दरअसल राज्यसभा में अभी गैर भाजपा दल के सदस्यों की संख्या अधिक है. राज्य सभा में भाजपा के 93 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दल के सदस्यों की संख्या 12 है. इस प्रकार सत्ताधारी दल की कुल संख्या 105 है. जबकि पूरे विपक्षी दलों की सदस्यों की संख्या 133 है. इसलिए केजरीवाल की कोशिश है कि सभी विपक्षियों को एकत्र कर लिया जाए तो केन्द्र द्वारा लाए जाने वाले बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराया जा सकता है.