Delhi Power Crisis : देश की राजधानी दिल्ली में मेट्रो, अस्पताल और दूसरे अहम संस्थानों की बिजली किसी भी वक्त गुल हो सकती है...ये हम नहीं बल्कि समाचार एजेंसी PTI ने दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendar Jain ) के हवाले से कहा है. जैन ने माना है कि मौजूदा स्थिति में बिना बाधा के बिजली सप्लाई करना बहुत लंबे समय तक संभव नहीं है. क्योंकि जिन पांच पावर प्लांट्स से दिल्ली को 30 फीसदी तक बिजली की आपूर्ति होती है वहां कोयले की भारी कमी है.
फिलहाल हालत ये है कि दिल्ली के कई इलाकों में अघोषित कटौती का दौर शुरू हो चुका है. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने भी कहा है कि दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाले पांच थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं. आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति कैसे होती है और अभी क्या हालात हैं.
दादरी-2, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर से मिलती है बिजली
सबसे ज्यादा 728 मेगावाट बिजली मिलती है दादरी पावर स्टेशन से
ऊंचाहार स्टेशन से मिलती है 100 मेगावाट बिजली
पांच पावर स्टेशन से मिलती है 1,751 मेगावाट बिजली
जरूरत के हिसाब से NTPC से भी बिजली लेती है दिल्ली
अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावाट पहुंची मांग
अप्रैल महीने की शुरूआत से अब तक 34% मांग बढ़ी
गुरुवार को दिल्ली के बिजली मंत्री ने अधिकारियों की आपात बैठक की और हालात की समीक्षा की. सत्येन्द्र जैन ने केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे. दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर कहा, दादरी- II और ऊंचाहार पावर स्टेशन से बिजली आपूर्ति बाधित होने से दिल्ली मेट्रो और सरकारी अस्पतालों समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में समस्या हो सकती है