चीन में 132 यात्रियों को ले जा रहे बोइंग 737 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भारत सतर्क हो गया है. DGCA प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि चीन में हुए हादसे के बाद DGCA ने भारतीय विमानन कंपनियों के बोइंग 737 बेड़े की निगरानी बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के बोइंग 737-800 विमान के एक पहाड़ से टकराने के बाद भारत ने अपने बोइंग 737 बेड़े को लेकर ये फैसला लिया है. उन्होंने पीटीआई से कहा कि फ्लाइट सेफ्टी गंभीर मामला है और हम स्थिति का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं. चाइना ईस्टर्न एयरलाइन का विमान कुनमिंग से गुआंगझू जा रहा था. हादसे में 123 यात्रियों और चालक दल के नौ सदस्यों की मौत हो गई. आधिकारिक मीडिया की खबर के मुताबिक, विमान में सवार 132 लोगों में कोई भी विदेशी नहीं था. अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने इस मामले पर बयान के लिए पीटीआई-भाषा के अनुरोध का जवाब नहीं दिया.
भारत में स्पाइसजेट, विस्तारा और एयर इंडिया के बेड़े में बोइंग 737 विमान हैं. बता दें कि अक्टूबर 2018 और मार्च 2019 के बीच छह महीने की अवधि में दो बोइंग 737 मैक्स विमान दुर्घटनाग्रस्तत हो गए थे, जिसमें कुल 346 लोग मारे गए थे. इन दो दुर्घटनाओं के बाद भारत ने मार्च 2019 में भारत में बोइंग 737 मैक्स विमानों पर प्रतिबंध लगा दिया था. बोइंग द्वारा डीजीसीए की संतुष्टि के लिए आवश्यक सॉफ़्टवेयर सुधारों के बाद विमान के कार्मिशियल उड़ानो पर प्रतिबंध पिछले साल अगस्त में हटा लिया गया था.