Electoral Bond: चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. चुनाव आयोग ने अपने वेबसाइट पर दो डेटा अपलोड किया है. पहले पेज में 12 अप्रैल 2019 से लेकर 24 जनवरी 2024 तक का पार्टियों का डेटा है. 426 पन्नो के इस डेटा में बताया गया है कि किस पार्टी को कितना चंदा मिला है वहीं दूसरा डेटा 337 पेज का है. इसमें 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का डेटा है जिनमें कंपनियों और लोगों की जानकारी दी गई है जिन्होने एसबीआई से बांड खरीदे थे.
चुनाव आयोग के डेटा में 1,000 रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के चुनावी बांड की खरीद की जानकारी दी गई है. इसमें कंपनियों और व्यक्तियों ने भी बताए गये हैं जिन्होने बॉन्ड खरीदा. इसमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज मेघा इंजीनियरिंग पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा समेत कई नाम शामिल हैं.
जिन पार्टियों को चंदा हासिल हुआ उसमें बीजेपी कांग्रेस आम आदमी पार्टी अन्नाद्रमुक बीआरएस शिवसेना टीडीपी वाईएसआर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल शामिल हैं
उच्चतम न्यायालय के पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में अनाम राजनीतिक फंडिग की इजाजत देने वाली केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था. पीठ ने इसे “असंवैधानिक” कहा था और निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया था
चुनाव आयोग ने दी जानकारी
ये रिपोर्ट भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से 14 मार्च, 2024 को जारी आंकड़ों पर आधारित है. जिसमें 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच की अवधि के आंकड़ों की जानकारी दी गई थी.
Electoral Bonds की जानकारी SBI ने चुनाव आयोग को भेजी, सुप्रीम कोर्ट ने दी थी आज की डेडलाइन