कच्चे तेल (Crude Oil) के दामों में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार (international market)में कच्चे तेल का दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइस 101 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा है. 2 अगस्त, 2022 के बाद से कच्चे तेल के दाम अपने उच्चतम स्तर पर ट्रेंड कर रहा है. दरअसल ईरान के कच्चे तेल की सप्लाई शुरू किए जाने की संभावना के बाद सउदी अरब ने ओपेक प्लस देशों से उत्पादन में कटौती की वकालत की है. जिसके बाद कच्चे तेल के दामों में तेजी आई है.
कच्चे तेल के दामों में आया उछाल
कच्चे तेल (Crude Oil)के दामों में आई ये तेजी भारत की दिक्कतों को बढ़ा सकता है. हाल ही में कच्चे तेल के दामों में गिरावट के बाद सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल बेचने पर हो रहा नुकसान खत्म हो गया था. डीजल (diesel) बेचने पर नुकसान घटकर 4 से 5 रुपये प्रति लीटर रह गया था. लेकिन कच्चे तेल के दामों में आए इस उछाल के बाद सरकारी तेल कंपनियों (oil companies)का नुकसान बढ़ने की आशंका है.
भारत अपने खपत का 80 % कच्चा तेल आयात करता है
सरकारी तेल कंपनियों को हो रहे नुकसान के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां (oil companies)इसका भार आम लोगों पर नहीं डाल पा रही हैं. भारत (india)अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. उसे अपने विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves)का बड़ा हिस्सा कच्चे तेल के आयात पर खर्च करना होता है.