मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में रेप का मुआवजा (Fake Rape Victim) हड़पने वाले गैंग का खुलासा हुआ है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक रेप की झूठी FIR कराने वालों में महिलाओं के साथ ही पुलिस (Police) और वकील () भी शामिल हैं. गैंग में शामिल महिलाओं में किसी ने पांच तो किसी ने चार प्राथमिकी दर्ज कराईं, बाद में अपने बयानों से पलट गईं और कई परिवारों को बर्बाद कर दिया. SC-ST केस में मुआवजा मंजूर करने वाले अफसरों ने भी माना कि कई मामलों में आर्थिक सहायता का दुरुपयोग किया जा रहा है.
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ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल में कई परिवारों ने रेप के झूठे मामलों कि शिकायतें दर्ज कराई हैं. जबलपुर में रेप का आरोप झेल रहे एक युवक के पिता ने बताया कि अच्छे घरों के लड़कों से लड़कियां संपर्क बनाती हैं. घूमने-फिरने के बहाने उनकी वीडियो बना लेती है और ब्लैकमेल करके रेप की FIR कराती हैं जिसकी एवज में मोटी रकम वसूलती हैं. युवक के पिता के मुताबिक कुछ बिचौलिए भी इस काम में सक्रिय रहते हैं और उन्हें भी पीड़िताओं को मिलने वाली रकम का कुछ हिस्सा दिया जाता है. अगर पीड़िता दलित-आदिवासी हों तो आर्थिक सहायता भी मिलती है.
गैंग के कुछ मामले पुलिस के संज्ञान में आए हैं. कई मामलों में पुलिस ने कहा कि महिला आदतन शिकायतकर्ता है और उसे आर्थिक सहायता नहीं दी जानी चाहिए.
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