फरीदकोट (Faridkot) के महाराजा हरिंदर सिंह (Maharaja Harinder Singh) की लगभग 25 हजार करोड़ (25 Thousand Crore) रुपये की संपत्ति किसकी होगी, अब यह साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूरे मामले में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने माना कि इस संपत्ति पर स्वर्गीय महाराजा हरिंदर सिंह की बेटियों का अधिकार है. साथ ही कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें करीब 25 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा उनकी बेटियों अमृत कौर और दीपिंदर कौर (Amrit Kaur and Deepinder Kaur) को दी गई थी. इसके साथ ही करीब 35 साल पुराने कानूनी विवाद का अंत हो गया.
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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने संपत्तियों की देखभाल करने वाले महारावल खेवाजी ट्रस्ट को भी भंग कर दिया. कोर्ट ने माना कि जिस वसीयत (Legacy) के आधार पर ट्रस्ट की संपत्ति पर कब्जा था, वो फर्जी थी. कोर्ट ने दो टूक कहा कि फरीदकोट रियासत के अस्तित्व में रहते बने नियम इस मामले में लागू नहीं होंगे. क्योंकि मामले में हिंदू उत्तराधिकार कानून (Hindu Succession Law) लागू होगा. दरअसल महाराजा की 4 संतानें थीं, जिनमें से बेटे हरमोहिंदर सिंह की 1981 में मृत्यु हो गई थी. तीसरी बेटी महीपिंदर कौर थी, जो अविवाहित थी. उनकी भी साल 2001 में मृत्यु हो गई थी. ऐसे में संपत्ति पर राजकुमारी अमृत कौर और दीपिन्दर कौर का अधिकार है. दिपिंदर कौर भी अब इस दुनिया में नहीं हैं.
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बता दें कि साल 1989 में दिवंगत हुए राजा हरिंदर सिंह की देश भर के कई शहरों में दर्जनों संपत्तियां हैं. जिनमें सोने के जेवरात, हीरे, रत्न, फरीदकोट राजमहल, दिल्ली का फरीदकोट हाउस, पंजाब में सैंकड़ों एकड़ जमीन शामिल हैं.