खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हम किसान यहीं (खनौरी और शंभू सीमा) रहेंगे, हम अपने ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे."
सरवन सिंह पंढेर बोले कि, "हमने दिल्ली की ओर मार्च करने का अपना फैसला नहीं बदला है, हम तब तक इंतजार करेंगे जब तक सरकार सड़कें फिर से नहीं खोल देती." उन्होंने कहा कि, "हमने अन्य राज्यों के किसानों से 6 मार्च को रेलवे, बस या किसी अन्य वाहन का उपयोग करके दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए कहा है."
बता दें कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों से 150 से ज्यादा किसान संगठनों ने 13 फरवरी से किसान ‘दिल्ली चलो' आंदोलन की शुरुआत की थी. इस आंदोलन से पहले से ही दिल्ली धारा 144 लगा दी गई थी और दिल्ली की सारी सीमाएं सील कर दी गई थीं.
1. मिनिमम सपोर्ट प्राइस के लिए कानून
किसानों की मांग है कि सभी फसलों की खरीद पर MSP गारंटी अधिनियम बनाया जाए. डॉ स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश पर सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले.
2. इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2020 को हटाना
इसके अलावा किसानों की मांग है कि बिजली क्षेत्र को निजी हाथों में देने वाले बिजली संशोधन विधेयक पर दिल्ली किसान मोर्चा के दौरान सहमति बनी थी कि इसे उपभोक्ता को विश्वास में लिए बिना लागू नहीं किया जाएगा, जो कि अभी अध्यादेशों के माध्यम से पिछले दरवाजे से लागू किया जा रहा है, इसे निरस्त किया जाना चाहिए.
3. किसान आंदोलन वाले मामलों की वापसी
किसान ये भी मांग कर रहें है कि दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं.
4. मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा
किसानों की मांग है समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और नौकरी दी जाए .
5. विश्व व्यापार संगठन (WTO) से निकलना
किसानों की मांग है कि भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर आना चाहिए, कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस आदि पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाना चाहिए. विदेशों से और प्राथमिकता के आधार पर भारतीय किसानों की फसलों की खरीद करें.
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