हरियाणा और पंजाब की खनौरी सीमा पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में मारे गए किसान शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार गुरुवार को पंजाब के बठिंडा जिले में उनके पैतृक गांव में किया गया. शुभकरण के पार्थिव शरीर को पटियाला स्थित राजेंद्र चिकित्सा अस्पताल से खनौरी सीमा पर ले जाया गया जहां पर किसानों ने उसे श्रद्धांजलि अर्पित की. किसानों ने संगठन का झंडा श्रद्धांजलि स्वरूप पार्थिव शरीर पर ओढ़ाया. बाद में पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए बठिंडा के बल्लोह गांव ले जाया गया.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शुभकरण को श्रद्धांजलि देने के लिए एसकेएम (गैर राजनीतिक) और किसान मोर्चा की बैठक तीन मार्च को बठिंडा के बल्लोह गांव में होगी. पंधेर ने लोगों से बड़ी संख्या में इसमें शामिल होने की अपील की.
किसानों ने एंबुलेंस के साथ मार्च किया और शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. खनौरी सीमा पर 21 फरवरी को हुई झड़प में 21 वर्षीय शुभकरण की मौत हो गई थी और 12 पुलिस कर्मी घायल हुए थे. झड़प तब हुई थी जब प्रदर्शनकारी किसानों ने आगे बढ़ने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की थी. देर शाम तक किसान संगठनों की ओर से उनके अगले कदम की कोई घोषणा नहीं की गई.
खनौरी में 21 फरवरी को शुभकरण की मौत और 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को दो दिन के लिए रोक दिया गया था. दो दिन बाद किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी पंजाब-हरियाणा के खनौरी और शंभू सीमा पर 29 फरवरी तक डेरा डाले रहेंगे और उसी दिन अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा.
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