Chhath Puja: देश के अलग-अलग हिस्सों में उगते सूर्य को प्रणाम (Surya Arghya) कर आज चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व (Chhath Puja) संपन्न हुआ. आज सुबह नदियों, तालाबों और दूसरे जलाशयों में खड़े होकर वर्तियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण किया. छठ पूजा में छठी मईया और सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है. माना जाता है कि उगते सूर्य को अर्घ्य देने पर साधक के आत्मविश्वास, मान-सम्मान, संतान की आयु में वृद्धि होती है.
सूर्य देव को सभी देवी-देवताओं में प्रत्यक्ष देवता माना गया है. इनकी किरणों से मनुष्यों के साथ, पशु, जीव, वनस्पतियों को जीवन मिलता है. सूर्य की किरणों में कई तरह के गंभीर रोग खत्म करने की शक्ति होती है.
कहते हैं कि उदयीमान सूरज को जल चढ़ाते वक्त जो एक टक नजरों से सूर्य को देख लेता है उसकी आंखों से संबंधित परेशानियां खत्म हो जाती है. शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
सूर्य ग्रहों के राजा कहलाते हैं. छठ पूजा में ब्रह्म मुहूर्त में इनकी आराधना करने से साधक को निडर और निर्भीक होने का वरदान प्राप्त होता है. इसके अलावा कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है.