G-20 Summit: भारत 18वें जी-20 समिट की मेजबानी कर रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में 7 से 10 सितंबर तक दुनियाभर के ताकतबर नेताओं को जमावड़ा लगेगा. इस बीच सभी ये भी जानना चाहते हैं, कि आखिर जी-20 है क्या और ये किस तरह काम करता हैं, तो चलिए आपके सारे सवालों के जबाव विस्तार से देते हैं.
क्या है G-20 ?
जी-20 को 'ग्रुप ऑफ ट्वेंटी' भी कहा जाता है. यह 19 देशों और यूरोपियन यूनियन का एक समूह है. जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं.
कब हुई जी-20 की स्थापना ?
एशियाई वित्तीय संकट के बाद साल 1999 में जी-20 का गठन हुआ था. इसमें वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच तैयार किया.
क्यों हुआ था G-20 का गठन ?
वैश्विक वित्तीय संकट के बाद शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था. इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था, लेकिन 2008 में दुनिया में आई भयानक मंदी के बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद यह तय किया गया कि साल में एक बार जी-20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी. भारत इसी के 18वें शिखर सम्मेलन की पहली बार मेजबानी कर रहा है.
जी 20 में ये देश हैं शामिल
जी-20 समूह की बात करें, तो इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं.
हर साल किसी एक देश को जी-20 की मेजबानी मिलती है. फिलहाल भारत इसकी मेजबानी कर हा है. जिसको लेकर देश की राजधानी दिल्ली में 7 से 10 सितंबर तक दुनियाभर के ताकतवर नेताओं का जमावड़ा रहने वाला है.