G20 समिट का वेन्यू भारत मंडपम इतिहास का गवाह बनने जा रहा है. दुनिया का सबसे बड़े इनडोर हॉल यानी की भारत मंडपम को 6 हजार मजदूरों ने 7 साल की मेहनत के बाद तैयार किया. भारत मंडपम के बाहर स्थित पार्क में शंख की आकृति बनाई गई है. बिल्डिंग को मॉडर्न बनाने के लिए आर्किटेक्ट ने अपना अहम रोल निभाया और इसी कड़ी मेहनत के दम पर भारत मंडपम G20 सम्मेलन के लिए तैयार हो सका.
भारत मंडपम के अंदर की बात करें तो इसकी सजावट में हर राज्य के आर्टवर्क का इस्तेमाल किया गया है. सबसे खास समिट हॉल जहां राष्ट्राध्यक्षों की मीटिंग होगी, वहां के लिए झूमर चेक रिपब्लिक से मंगाया गया है. भदोही और कश्मीर के कालीन बिछाए गए हैं. फिलहाल भारत मंडपम में आम लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं है.
यहां केवल विदेश मंत्रालय द्वारा जारी ID कार्ड से ही एंट्री मिल रही है. बात अगर सिक्योरिटी की करें एंट्री के लिए 5 लेवल सिक्योरिटी चेक से गुजरना होगा. आर्किटेक्ट संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि साल 2016 में भारत मंडपम का प्रोजेक्ट मिला था, हम लोगों ने कई डिजाइन तैयार किए लेकिन अंतिम रूप उसी डिजाइन को दिया जिसे सरकार ने अप्रूव किया. बिल्डिंग को मॉडर्न बनाने की कोशिश के साथ ही भारत के हर कोने को दिखाया गया है.
संजय सिंह ने बताया कि ,‘भारत मंडपम की बिल्डिंग में एक बार में 13,500 लोग मौजूद रह सकते हैं और इसलिए ट्रैफिक कंट्रोल करना और पार्किंग का मैनेजमेंट यहां एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए 6 ड्रॉप-ऑफ प्वाइंट बनाए गए हैं. बताया गया कि भारत मंडपम में कोई हेलीपैड नहीं है क्योंकि ये बिल्डिंग लुटियंस जोन में स्थित है. हालांकि, भारत मंडपम के बगल में खाली जगह पर हेलीपैड का निर्माण किया गया है जिस पर दो हेलिकॉप्टर लैंड करने की जगह है.
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