गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ( Gujarat MLA Jignesh Mevani ) और 12 अन्य को 2017 की रैली के सिलसिले में 3 महीने की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है. आईपीसी की धारा 143 के तहत यह फैसला दिया गया. मेवानी और उनके सहयोगियों ने 2017 में मेहसाणा से पड़ोसी बनासकांठा जिले के धनेरा तक 'आजादी कूच' का नेतृत्व किया था. इसी मामले में ये सजा सुनाई गई है.
गुजरात के मेहसाणा में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने वडगाम के विधायक मेवानी और बाकी लोगों को पुलिस की इजाजत के बगैर रैली निकालने पर सजा सुनाई है. सभी दोषियों पर 1-1 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
अडिश्नल चीफ जस्टिस की कोर्ट में मजिस्ट्रेट जे ए परमार ने टिप्पणी की- रैली करना कोई अपराध नहीं, लेकिन इजाजत के बगैर रैली करना अपराध है. कोर्ट ने यह भी माना कि आज्ञा की अवहेलना कभी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. एनसीपी नेता रेशमा पटेल भी दोषियों में शामिल हैं.
12 जुलाई 2017 को उना में कुछ दलितों की सार्वजनिक पिटाई के एक साल होने पर ये रैली की गई थी.
बता दें कि 3 दिन पहले ही गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) को तेलुगू फिल्म ‘पुष्पा-द राइज’ के अंदाज में चुनौती दी थी और इसके डायलॉग को दोहराते हुए कहा था- ‘‘फ्लावर नहीं, फायर है, मैं झुकेगा नहीं.’’
मेवानी ने असम पुलिस द्वारा खुद को रिहा किये जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘मोदी जी आप गुजरात से हैं और मैं भी गुजरात से हूं. आपको समझना चाहिए मैं, ‘फ्लावर नहीं, फायर है, झुकेगा नहीं.’ भारत के प्रधानमंत्री को यह मेरी चुनौती है.’’