Har Ghar Tiranga Abhiyan: देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव (Amrit mahotsaw) मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा शुरू किए गए हर घर तिरंगा अभियान ने आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा दिया है. इस अभियान का सीधा फायदा झंडे बनाने वाले कारोबारियों (flag makers) को हो रहा है. इस साल 25 से 30 करोड़ तिरंगे बिकने की उम्मीद है. इससे लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार (500 crore turnover) हुआ है.
व्यापारियों ने दावा किया है कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभियान की घोषणा किए जाने के बाद से सभी प्रकार के तिरंगे की बिक्री 50 गुना बढ़ गई है.
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- हर साल बिकते हैं 200 से 250 करोड़ रु के तिरंगे
- 500 से 600 करोड़ रु तक पहुंच सकती है बिक्री
- सूरत के व्यापारियों को 10 करोड़ झंडों के ऑर्डर मिले
- पहले तिरंगे खादी और दूसरे कपड़े से ही बनता था
- पॉलिएस्टर व मशीनों से भी झंडे बनाने को मंजूरी मिली
- करीब 4 से 5 करोड़ झंडे बिकने की उम्मीद
- पहले 15 अगस्त पर बिकते थे 40 से 50 लाख झंडे
- छोटे व्यापारियों को 10 लाख तिरंगे बनाने का ऑर्डर
- केंद्र सरकार और निजी कंपनियों से मिले ऑर्डर
पटना में भी तिरंगे की बिक्री कई गुणा ज्यादा बढ़ गई (sale of tricolor has increased manifold) हैं. रास्ते से लेकर बड़े दुकानों में तिरंगा काफी तेजी से बिक रही हैं. साथ ही ग्राहकों के अनुसार तिरंगे का स्टॉक करना व्यापारियों के लिए काफी मुश्किल हो गया है.
बता दें केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत, केंद्र सरकार का लक्ष्य भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 13 से 15 अगस्त तक घरों के ऊपर कम से कम 20 करोड़ झंडे लगाने का है.